इस पोस्ट में क़ुरआन-ए-पाक की सूरह वाक़िया हिंदी में (Surah Waqiah in Hindi) तर्जुमे के साथ पढ़ेंगे ताकि जो हिंदी पढ़ने वाले है वो इसे बेहतर तरीक़े से समझ सकें|
सूरह अल वाक़िया हिंदी में तर्जुमे के साथ | Surah Al-Waqiah In Hindi
सूरह अल वाक़िया मक्की है या मदानी | Surah Al Waqiah Makki Hai Madani?
इसका मतलब ये होता है के सूरह वाक़िया मक्का मुक़र्रमा या मदीना मुनव्वरा में नाजिल हुई|
जवाब: सूरह अल वाक़िया मक्की सूरह है।
Surah Al Waqiah Mein Kitni Ayaat Hai? | सूरह अल वाक़िया में कितनी आयात है?
सूरह अल वाक़िया में कुल 96 आयतें है।
Surah Al Waqiah Quran Shareef Ke Kaunse Sipare Mein Hai? | सूरह अल वाक़िया क़ुरआन शरीफ के कौनसे पारह में है?
सूरह अल वाक़िया पारह न. 27 में है।
Surah Al Waqiah Ka Surah No. Yani Chapter Kya Hai? | सूरह अल वाक़िया का सूरह न. यानी चेपटर क्या है?
सूरह अल वाक़िया सूरह न. यानी चेपटर न. 56 है। यहाँ→ Islam Ke 72 Firke Ke Naam देखिए|
सूरह वाक़िया हिंदी में तर्जुमा के साथ | Surah Waqiah In Hindi Translation
‘अ ‘ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम बिस्मिल्ला हिररहमानिर रहीम
1. इज़ा व क़ ‘अतिल वाक़िअह
• उस वक़्त को याद करो जब क़यामत वाक़े हो जाएगी
2. लैसा लिवक़ ‘अतिहा काज़िबह
• जिस के वाक़े होने में कोई झूट नहीं
3. ख़ा-फिज़तुर राफि अह
• किसी को नीचा करेगी और किसी को ऊंचा
4. इज़ा रुज्जतिल अरज़ु रज्जा
• जब ज़मीन हिला कर रख दी जाएगी
5. व बुस्सतिल जिबालु बस्सा
• और पहाड़ पीस कर रख दिए जायेंगे
6. फकानत हबा अम मुम्बस्सा
• तो वो उड़ता हुआ गुबार बन जायेंगे
7. व कुन्तुम अज़वाजन सलासह
• और तुम तीन किस्मों में बंट जाओगे
8. फ अस-हाबुल मइ मनति मा अस हाबुल मयइ मनह
• (एक) तो दाहिनी तरफ़ वाले, क्या कहने दाहिनी तरफ़ वालों के
9. व अस हा-बुल मश अ-म-ति मा अस हाबुल मश अमह
• (दुसरे) बायीं तरफ़ वाले, बायीं तरफ़ वाले कैसे बुरे हाल में होंगे
10. वस सा-बिक़ू नस सा-बिक़ून
• (तीसरे) आगे बढ़ जाने वाले, (उन का क्या कहना) वो तो आगे बढ़ जाने वाले हैं
11. उला इकल मुक़र्रबून
• यही हैं जिनको अल्लाह से ख़ुसूसी नज़दीकी हासिल होगी
12. फ़ी जन्नातिन न’ईम
•वो ने’अमतों वाले बाग़ों में होंगे
13. सुल्लतुम मिनल अव्वलीन
• उन का एक बड़ा गिरोह तो अगले लोगों में होगा
14. व क़-लीलुम मिनल आ-ख़िरीन
• और थोड़े से पिछले लोगों में होंगे
15. ‘अला सुरुरिम मौ-ज़ूनह
• ऐसी मसेहरियों पर जो सोने से बुनी और जवाहरात से जड़ी होंगी
16. मुत्तकि ईना ‘अलैहा मु-त-क़ाबिलीन
• उन पर आमने सामने टेक लगाये हुए बैठे होंगे
17. यतू-फु ‘अलैहिम विल्दानुम मुख़ल-लदून
• उन की ख़िदमत में ऐसे लड़के जो हमेशा लड़के ही रहेंगे वो उनके पास आते जाते रहेंगे
18. बिअक्वाबिव व अबा-रीक़ा व कअसिम मिम म’ईन
• ग्लासों और जगों में साफ़ सुथरी शराब के जाम लिए हुए
19. ला युसद-द ‘ऊना ‘अन्हा वला युन्ज़िफून
• ऐसी शराब जिससे न उनके सर चकरायेंगे और न उनके होश उड़ेंगे
20. व फाकि-हतिम मिम्मा य-त खै-यरून
• और ऐसे मेवे लिए हुए जिनको वो खुद पसंद करेंगे
21. वलहमि तैरिम मिम्मा यश तहून
• और ऐसे परिंदों का गोश्त लिए जिनकी उन्हें ख्वाहिश होगी
22. व हूरून ‘ईन
• और खूबसूरत आँखों वाली हूरें
23. क अम्सा लिल लुअलुइल मक्नून
• जैसे छिपा छिपा कर रखे गए मोती
24. जज़ा अम बिमा कानू यअ-मलून
•ये सब उनके कामों के बदले के तौर पर होगा जो वो किया करते थे
25. ला यस्मऊना फ़ीहा लग्वव वला तअ-सीमा
•वो न उस में बेकार बातें सुनेंगे और न ही कोई गुनाह की बात
26. इल्ला क़ीलन सलामन सलामा
• सिवाए सलामती ही सलामती की बात के
27. व अस-हाबुल य-मीनि मा अस-हाबुल यमीन
•और जो दायें तरफ वाले हैं, क्या खूब हैं दायें तरफ वाले
28. फ़ी सिदरिम मख़-ज़ूद
• काँटों से पाक सिदरा के दरख्तों में
29. व तल-हिम मन्ज़ुद
• लदे हुए केले के पेड़ों में
30. व ज़िल्लिम मम-दूद
• और फैले हुए साये में
31. वमा इम मस्कूब
• और बहते हुए पानी में
32. व फा-कि-हतिन कसीरह
• और बहुत से फलों में
33. ला मक़्तू ‘अतिव वला ममनू’अह
• जो न ख़त्म होने को आयेंगे और न उन में कोई रोक टोक होगी
34. व फुरुशिम मर फू-‘अह
• और बलंद बिस्तरों में
35. इन्ना अनशअ नाहुन्ना इंशा-आ
• हम ने (उन के लिए) हूरें बनाई हैं
36. फ-ज अल्नाहुन्ना अब्कारा
• तो हम ने उनको कुंवारी बनाया है
37. उरुबन अतराबा
• मुहब्बत भरी हमजोलियाँ
38. लि अस्हाबिल यमीन
• ये है दायें तरफ वालों के लिए
39. सुल्लतुम मिनल अव्वलीन
• उनकी एक बड़ी जमात अगले लोगों में है
40. वसुल्लतुम मिनल आ-खिरीन
• उनकी एक बड़ी जमात पिछले लोगों में है
41. व अस्हाबुश शिमा-लि मा अस्हाबुश शि-माल
• और बाएं तरफ वाले, क्या हाल होगा बाएं तरफ वालों का
42. फ़ी समूमिव व हमीम
• वो होंगे झुलसा देने वाली हवा में और खौलते पानी में
43. व ज़िल्लिम मिय यहमूम
• सियाह धुएं के साए में
44. ला बारिदिव-वला करीम
• जो न ठंडा होगा और न फायदा पहुँचाने वाला होगा
45. इन्नहुम कानू क़ब्ला ज़ालिका मुत-रफीन
• इस से पहले वो बड़े ऐशो इशरत में पड़े हुए थे
46. व कानू यु-सिर्रूना अलल हिन-सिल ‘अज़ीम
• और बड़े भारी गुनाह ( शिर्क ) पर अड़े रहते थे
47. व कानू यक़ू-लूना अ इज़ा मितना व कुन्ना तुराबव व इज़ामन अ इन्ना लमब ‘ऊसून
• और कहा करते थे : जब हम मर जायेंगे और मिटटी हड्डी हो जायेंगे तो क्या हम फिर दोबारा जिंदा किये जायेंगे
ज़रूर पढ़िये
Surah Inshiqaq Hindi Translation | सूरह इन्शिक़ाक़ का तर्जुमा और तशरीह
48. अ-व आबा-उनल अव्वलून
• और क्या हमारे पहले बाप दादा भी
49. क़ुल इन्नल अव्वलीना वल आ-खिरीन
• कह दीजिये कि सब अगले और पिछले लोग
50. लमज मू’ऊना इला मीक़ा-ति यौमिम मअलूम
• एक मुक़र्ररह दिन पर ज़रूर इकठ्ठा किये जायेंगे
51. सुम्मा इन्नकुम अय्युहज़ ज़ाल्लूनल मुकज्ज़िबून
• फिर ए गुमराहों और ए झुटलाने वालों ! यक़ीनन तुम
52. ल आकिलूना मिन श-ज-रिम मिन ज़क़-क़ूम
• यक़ीनन ज़क्कूम के दरख़्त खाओगे
53. फ मालिऊना मिन्हल बुतून
• और इसी से पेट भरोगे
54. फ शारिबूना अलैहि मिनल हमीम
• फिर उस पर खौलता हुआ पानी पियोगे
55. फ शारिबूना शुरबल हीम
• और पियोगे भी प्यासे ऊंटों की तरह
56. हाज़ा नुज़ुलुहुम यौमद दीन
• क़यामत के दिन यही उन की मेहमान नवाज़ी होगी
57. नहनु खलक्नाकुम फलौला तुसद-दि क़ून
• हम ने ही तुम को पैदा किया तो फिर तुम (दोबारा जिंदा किये जाने को) सच क्यूँ नहीं मानते हो ?
58. अ-फ रअय्तुम मा तुम्नून
• भला देखो तो सही, जो मनी तुम (औरतों के रहम में) डालते हो
59. अ अन्तुम तख़लु-क़ूनहु अम नहनुल खा़लिक़ून
• उस को तुम इंसान बनाते हो या हम बनाने वाले हैं
60. नहनु क़द-दरना बै-नकुमुल मौता वमा नहनु बिमस-बूक़ीन
• हम ने ही तुम्हारे लिए मरना तय किया है (कि हर शख्स पर मौत आती है) और हम उस बात से आजिज़ नहीं हैं
61. ‘अला अन नुबददिला अमसा-लकुम व नुन्शि-अकुम फ़ी माला त’अलमू
• कि तुम्हारी जगह तुम्हारे जैसे किसी और को ले आयेंगे और तुम को वहां उठा खड़ा करेंगे, जिस का तुम को कोई भी इल्म नहीं
62. व लक़द ‘अलिम्तुमुन नश अतल ऊला फलौला तज़क करून
• और तुम तो पहली पैदाइश को जानते ही हो तो क्यूँ सबक़ नहीं लेते
63. अ-फ रअय्तुम मा तहरुसून
• देखो तो सही कि तुम जो कुछ बोते हो
64. अ अन्तुम तज़ र-ऊनहू अम नहनुज़ ज़ारि’ऊन
• उसको तुम उगाते हो या हम उगाते हो
65. लौ नशाउ ल-ज ‘अल्नाहु हुतामन फज़ल तुम तफक-कहून
• अगर हम चाहें तो उसको रेज़ा रेज़ा कर डालें फिर तुम बातें बनाते रह जाओ
66. इन्ना ल मुग़-रमून
• (तुम कहने लगो) कि हम पर तो तावान पड़ गया
67. बल नहनु महरूमून
• बल्कि हम बड़े बदनसीब हैं
68. अ-फ रअय्तुमुल माअल्लज़ी तश-रबून
• फिर बताओ तो सही कि जिस पानी को तुम पीते हो
69. अ अन्तुम अन्ज़ल्तुमू-हु मिनल मुज़-नि अम नहनुल मुन्ज़िलून
• उसको बादल से तुंम बरसाते हो या हम बरसाते हैं
70. लौ नशाउ ज ‘अल्नाहू उजाजन फलौला तश्कुरून
• अगर हम चाहें तो उसको खारा कर दें फिर तुम शुक्र क्यूँ नहीं करते
71. अ-फ र-अय्तुमुन नारल लती तूरून
• फिर देखो तो सही जो आग तुम सुलगाते हो
72. अ अन्तुम अनशअतुम श-ज-र-तहा अम नहनुल मुन्शिऊन
• उसके दरख़्त को तुम ने पैदा किया है या हम ने ?
73. नहनु ज ‘अल्नाहा तज़कि रतव व मता’अल लिल मुक़वीन
• हम ने उसको याद दिहानी करने वाला और मुसाफिरों के लिए नफाबख्श बनाया है
74. फ़सब्बिह बिस्मि रब्बिकल ‘अज़ीम
• तो आप अपने अज़मत वाले परवरदिगार के नाम की पाकी बयान कीजिये
75. फला उक़ सिमु बि मवाक़ि’इन नुजूम
• तो अब मैं उन जगहों की क़सम खाकर कहता हूँ जहाँ सितारे गिरते हैं
76. व इन्नहू ल क़ समुल लौ त’अलमूना अज़ीम
• और यक़ीनन अगर तुम जानो तो ये बहुत बड़ी क़सम है
77. इन्नहू ल क़ुरआनून करीम
• बेशक ये बड़ा ही काबिले एहतराम क़ुरान है
78. फ़ी किताबिम मकनून
• जो एक महफ़ूज़ किताब में पहले से मौजूद है
79. ला यमस्सुहू इल्लल मुतह-हरून
• इस को सिर्फ़ वही हाथ लगा सकता है जो खूब पाक साफ़ हो
80. तनज़ीलुम मिर रब्बिल ‘आ-लमीन
• ये तमाम आलम के परवरदिगार की तरफ़ से उतारा हुआ है
81. अ-फ बिहाज़ल हदीसि अन्तुम मुद हिनून
• क्या तुम इस कलाम के परवरदिगार का इनकार करते हो ?
82. व तज अलूना रिज़-क़कुम अन्नकुम तुकज़-ज़िबून
• और इस के झुटलाने को ही अपना मशग़ला बना रखा है
83. फलौला इज़ा ब ल ग़तिल हुलक़ूम
• तो जब जान गले तक आ पहुँचती है
84. व अन्तुम ही न-इज़िन तन्ज़ुरून
• और तुम उस वक़्त ( मरने वाले को ) देख रहे होते हो
85. व नहनु अक़रबु इलैहि मिन्कुम वला किलला तुब्सिरून
• और हम तुम से ज़्यादा उस से क़रीब हैं हालाँकि तुम नहीं देखते
86 फ़लौला इन कुन्तुम ग़ैरा मदीनीन
• अगर तुम किसी और के क़ाबू में नहीं हो तो
87. तर जि ‘ऊ-नहा इन कुन्तुम सदिक़ीन
• तो उस जान को वापस नहीं क्यूँ नहीं ले आते अगर तुम सच्चे हो?
88. फअम्मा इन का-न मिनल मुक़र्रबीन
• तो अगर मरने वाला खुदा के मुक़र्रिब बन्दों में से है
89. फ़ रौहुव व रैहानुव व जन्नतु नईम
• तो (उस के लिए) आराम ही आराम, ख़ुशबू ही ख़ुशबू और नेअमत भरी जन्नत है
90. व अम्मा इन का-न मिन अस-हाबिल यमीन
• और अगर वो दाहिनी तरफ़ वालों में से है
91. फ़ सलामुंल-लका मिन अस-हाबिल यमीन
• तो उस से कहा जायेगा तेरे लिए सलामती है कि तू दायें तरफ़ वालों में से है
92. व अम्मा इन का-न मिनल मुकज़ ज़िबीनज़ ज़ाल-लीन
• और अगर वो झुटलाने वाले गुमराह लोगों में से था
93. फ नुज़ुलुम मिन हमीम
• तो खौलते हुए पानी से मेज़बानी होगी
94. व तस्लियतु जहीम
• और (उसे) दोज़ख़ में दाख़िल होना होगा
95. इन्ना हाज़ा लहुवा हक़ क़ुल यक़ीन
• बेशक ये यक़ीनी बात है
96. फ़ सब्बिह बिस्मि रब्बिकल ‘अज़ीम
• बस आप अपने रब के नाम की तस्बीह किये जाइए जो बड़ी अज़मतों वाला है
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