Is post mein Surah Mulk in Hindi translation (सूरह मुल्क हिंदी में तर्जुमा के साथ) yani Hindi tajurma ke sath milegi. Jise padhne ki talkeen khud Nabi Kareem ﷺ ne ki hai. Surah Mulk ko Tabarakallazi Surah bhi kehte hai.
Surah Mulk In Hindi Translation | सूरह मुल्क हिंदी में और तर्जुमा
Surah Mulk Kaunse Para Mein Hai?
सूरह मुल्क क़ुरआन पाक के कौन से पारे में है?
सुरह मुल्क (तबारकल्लज़ी बि यदिहिल मुल्क) क़ुरआन मजीद के 29वें पारा में मौजूद है।
Surah Al Mulk Ka Surah No. Kya Hai?
सूरह अल मुल्क का सूरह न. क्या है?
सूरह अल मुल्क क़ुरआन पाक की 67 वी सूरह है।
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Surah Mulk In Hindi | सूरह मुल्क हिंदी तजुर्मे के साथ
‘अ’ऊज़ु बिल्लाहि मिनश शैतानिररजीम बिस्मिल्ला हिररहमानिररहीम
शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान नुहायत रहम वाला है
1. तबा रकल लज़ी बियदि हिल मुल्कु वहुवा ‘अला कुल्लि शय इन क़दीर
• जिस (ख़ुदा) के कब्ज़े में (सारे जहाँन की) बादशाहत है वह बड़ी बरकत वाला है और वह हर चीज़ पर क़ादिर है
2. अल्लज़ी ख़-लक़ल मौता वल हया-त लियब लुवकुम अय्युकुम अहसनु अ-मला वहुवल अज़ीज़ुल ग़फूर
• जिसने मौत और जि़न्दगी को पैदा किया ताकि तुम्हें आज़माए कि तुममें से काम में सबसे अच्छा कौन है और वह ग़ालिब (और) बड़ा बख़्षने वाला है
3. अल्लज़ी ख़-लक़ा सब’अ समावातिन तिबाक़ा मातरा फ़ी ख़ल्किर रहमानि मिन तफ़ावुत फ़र जि’इल ब-सरा हल तरा मिन फुतूर
• जिसने सात आसमान तले ऊपर बना डाले भला तुझे ख़ुदा की आफ़रिनश में कोई कसर नज़र आती है तो फिर आँख उठाकर देख भला तुझे कोई शिगाफ़ नज़र आता है
4. सुम्मर जि’इल ब-सरा कर रतैनि यन्क़लिब इलैकल ब-सरु ख़ासिअव वहुवा हसीर
• फिर दुबारा आँख उठा कर देखो तो (हर बार तेरी) नज़र नाकाम और थक कर तेरी तरफ़ पलट आएगी
5. व-लक़द ज़ैयन्नस समाअद दुनिया बिमसा बी-ह व-ज अलनाहा रुजूमल लिश शयातीनि व’आतदना लहुम ‘अज़ाबस स’ईर
• और हमने नीचे वाले (पहले) आसमान को (तारों के) चिराग़ों से ज़ीनत दी है और हमने उनको शैतानों के मारने का आला बनाया और हमने उनके लिए दहकती हुयी आग का अज़ाब तैयार कर रखा है
6. वलिल लज़ीना क-फरू बिरब बिहिम ‘अज़ाबू जहन्नम वबिअ सल मसीर
• और जो लोग अपने परवरदिगार के मुनकिर हैं उनके लिए जहन्नुम का अज़ाब है और वह (बहुत) बुरा ठिकाना है
7. इज़ा उल्क़ू फ़ीहा समि’ऊ लहा शहीक़व वहिया तफूर
• जब ये लोग इसमें डाले जाएँगे तो उसकी बड़ी चीख़ सुनेंगे और वह जोश मार रही होगी
8. तकादु तमै यज़ु मिनल गय्ज़ कुल्लमा उलक़िया फ़ीहा फौजुन सअ-लहुम ख़-ज़-नतुहा अलम यअतिकुम नज़ीर
• बल्कि गोया मारे जोश के फट पड़ेगी जब उसमें (उनका) कोई गिरोह डाला जाएगा तो उनसे दारोग़ए जहन्नुम पूछेगा क्या तुम्हारे पास कोई डराने वाला पैग़म्बर नहीं आया था
9. क़ालू बला क़द जा-अना नज़ीर फ़कज़ ज़ब्ना वक़ुलना मा नज़-ज़लल लाहू मिन शै-इन इन-अन्तुम इल्ला फ़ी दलालिन कबीर
• वह कहेंगे हाँ हमारे पास डराने वाला तो ज़रूर आया था मगर हमने उसको झुठला दिया और कहा कि ख़ुदा ने तो कुछ नाजि़ल ही नहीं किया तुम तो बड़ी (गहरी) गुमराही में (पड़े) हो
10. व क़ालू लौ कुन्ना नस म’ऊ औ नअक़िलू मा कुन्ना फ़ी अस हाबिस स’ईर
• और (ये भी) कहेंगे कि अगर (उनकी बात) सुनते या समझते तब तो (आज) दोज़खि़यों में न होते
11. फ़अ-त-रफु बिज़म बिहिम फ़ सुहक़ल लिअस हाबिस स’ईर
• ग़रज़ वह अपने गुनाह का इक़रार कर लेंगे तो दोज़खि़यों को ख़ुदा की रहमत से दूरी है
12. इन्नल लज़ीना यख़शौना रब्बहुम बिल ग़ैबि लहुम मग़फि रतुव व अजरुन कबीर
• बेशक जो लोग अपने परवरदिगार से बेदेखे भाले डरते हैं उनके लिए मग़फेरत और बड़ा भारी अज्र है
13. व असिररू क़ौलकुम अविज हरु बिह इन्नहू अलीमुम बिज़ातिस सुदूर
• और तुम अपनी बात छिपकर कहो या खुल्लम खुल्ला वह तो दिल के भेदों तक से ख़ूब वाकि़फ़ है
14. अला यअलमु मन ख़लक़ वहुवल लतीफुल ख़बीर
• भला जिसने पैदा किया वह तो बेख़बर और वह तो बड़ा बारीकबीन वाकि़फ़कार है
15. हुवल लज़ी जअ-ल लकुमुल अरदा ज़लूलन फमशू फ़ी मना किबिहा वकुलू मिर रिज़क़िह व इलय हिन् नुशूर
• वही तो है जिसने ज़मीन को तुम्हारे लिए नरम (व हमवार) कर दिया तो उसके अतराफ़ व जवानिब में चलो फिरो और उसकी (दी हुयी) रोज़ी खाओ
16. अ अमिन्तुम मन फिस समाइ अंय यख़सिफा बिकुमुल अरदा फ़-इज़ा हिया तमूर
• और फिर उसी की तरफ क़ब्र से उठ कर जाना है क्या तुम उस शख़्स से जो आसमान में (हुकूमत करता है) इस बात से बेख़ौफ़ हो कि तुमको ज़मीन में धॅसा दे फिर वह एकबारगी उलट पुलट करने लगे
17. अम अमिन्तुम मन फिस समाइ अंय युरसिला अ’लैकुम हासिबा फ़-स तअलमूना कैफा नज़ीर
• या तुम इस बात से बेख़ौफ हो कि जो आसमान में (सल्तनत करता) है कि तुम पर पत्थर भरी आँधी चलाए तो तुम्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगा कि मेरा डराना कैसा है
18. व-लक़द कज़-ज़बल लज़ीना मिन क़बलिहिम फ़कैफा काना नकीर
• और जो लोग उनसे पहले थे उन्होने झुठलाया था तो (देखो) कि मेरी नाख़ुशी कैसी थी
19. अ-वलम यरौ इलत तैरि फौक़हुम साफ़ फातिव व यक़ बिज़-न मा युम्सिकु हुन्ना इललर रहमान इन्नहू बिकुल्लि शै इम बसीर
• क्या उन लोगों ने अपने सरों पर चिडि़यों को उड़ते नहीं देखा जो परों को फैलाए रहती हैं और समेट लेती हैं कि ख़ुदा के सिवा उन्हें कोई रोके नहीं रह सकता बेशक वह हर चीज़ को देख रहा है
20. अम्मन हाज़ल लज़ी हुवा जुन्दुल लकुम यनसुरूकुम मिन दूनिर रहमान इनिल कफिरूना इल्ला फ़ी ग़ुरूर
• भला ख़ुदा के सिवा ऐसा कौन है जो तुम्हारी फ़ौज बनकर तुम्हारी मदद करे काफि़र लोग तो धोखे ही (धोखे) में हैं भला ख़ुदा अगर अपनी (दी हुयी) रोज़ी रोक ले तो कौन ऐसा है जो तुम्हें रिज़क़ दे
21. अम्मन हाज़ल लज़ी यर ज़ुक़ु कुम इन अम्सका रिज़क़ह बल लज्जू फ़ी उतुव विव वनुफूर
• मगर ये कुफ़्फ़ार तो सरकशी और नफ़रत (के भँवर) में फँसे हुए हैं भला जो शख़्स औंधे मुँह के बाल चले वह ज़्यादा हिदायत याफ्ता होगा
22. अ-फ़मय यम्शी मुकिब्बन ‘अला वजहिही अहदा अम्मय यम्शी सविय्यन ‘अला सिरातिम मुस्तक़ीम
• या वह शख़्स जो सीधा बराबर राहे रास्त पर चल रहा हो (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ख़ुदा तो वही है जिसने तुमको नित नया पैदा किया
23. क़ुल हुवल लज़ी अन श अकुम व-ज ‘अ ल लकुमुस सम’अ वल अबसारा वल अफ इदह क़लीलम मा तश्कुरून
• और तुम्हारे वास्ते कान और आँख और दिल बनाए (मगर) तुम तो बहुत कम शुक्र अदा करते हो
24. क़ुल हुवल लज़ी ज़-र अकुम फिल अरदि व इलैहि तुह-शरून
• कह दो कि वही तो है जिसने तुमको ज़मीन में फैला दिया और उसी के सामने जमा किए जाओगे
25. व यक़ूलूना मता हाज़ल वअदु इन कुन्तुम सादिक़ीन
• और कुफ़्फ़ार कहते हैं कि अगर तुम सच्चे हो तो (आखि़र) ये वायदा कब (पूरा) होगा
26. कुल इन्नमल ‘इल्मु ‘इन्दल लाहि व इन्नमा अना नज़ीरुम मुबीन
• (ऐ रसूल) तुम कह दो कि (इसका) इल्म तो बस ख़ुदा ही को है और मैं तो सिर्फ साफ़ साफ़ (अज़ाब से) डराने वाला हूँ
27. फ़लम्मा रऔहु ज़ुल फतन सीअत वुजूहुल लज़ीना क-फरू व क़ीला हाज़ल लज़ी कुन्तुम बिही तद द’ऊन
• तो जब ये लोग उसे करीब से देख लेंगे (ख़ौफ के मारे) काफ़िरों के चेहरे बिगड़ जाएँगे और उनसे कहा जाएगा ये वही है जिसके तुम ख़वास्तग़ार थे
28. कुल अ-र अय्तुम इन अह-लका नियल लाहू वमम म’इया अव रहिमना फमय युजीरुल काफिरीना मिन अज़ाबिन अलीम
• (ऐ रसूल) तुम कह दो भला देखो तो कि अगर ख़ुदा मुझको और मेरे साथियों को हलाक कर दे या हम पर रहम फ़रमाए तो काफि़रों को दर्दनाक अज़ाब से कौन पनाह देगा
29. क़ुल हूवर रहमानु आमन्ना बिही व ‘अलैहि तवक कलना फ़ स-तअ लमूना मन हुवा फ़ी दलालिम मुबीन
• तुम कह दो कि वही (ख़ुदा) बड़ा रहम करने वाला है जिस पर हम ईमान लाए हैं और हमने तो उसी पर भरोसा कर लिया है तो अनक़रीब ही तुम्हें मालूम हो जाएगा कि कौन सरीही गुमराही में (पड़ा) है
30. क़ुल अरा अय्तुम इन अस-ब-ह मा उकुम ग़ौरन फ़मय यअ तीकुम बिमा इम म’ईन
• ऐ रसूल तुम कह दो कि भला देखो तो कि अगर तुम्हारा पानी ज़मीन के अन्दर चला जाए कौन ऐसा है जो तुम्हारे लिए पानी का चश्मा बहा लाए
Surah Al Mulk Ki Fazilat In Hindi | सूरह अल मुल्क की फज़ीलत
हदीस ए मुबारिका का मफहूम
अबू हरैराह र.अ. कहते है की नबी अकरम ﷺ ने फरमाया:
“क़ुरआन की एक सूरह जो तीस आयतों वाली है, अपने पढ़ने वाले की सिफारिश करेगी यहाँ तक की उसकी मग़फ़िरत हो जाए और वो सूरह अल मुल्क है।
सुनन इब्न माजह न. 3786, सहीह
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Salaam e likum.
Please can you send it to me in English as I cannot read Hindi.
JazakAllah khair
OK