सूरह फातिहा क़ुरआन शरीफ की पहली सूरह है। जिस में 7 आयतें हैं। हम सूरह फातिहा हिंदी में (Surah Fatiha Hindi Mein) पढ़ेंगे जिसे अलहम्दु शरीफ (Alhamdu ki surat) भी कहते है।
Surah Fatiha Hindi Mein | सूरह फ़ातिहा हिंदी में तर्जुमा के साथ
हदीस
उबादा बिन अस-समित से रिवायत है की,
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“जिस शख्स ने सूरह अल फातिहा ना पढ़ी उसकी नमाज़ नही होगी।”
सहीह अल बुखारी, न. 756
अल्हमदु शरीफ यानी सूरह फातिहा एक ऐसी सूरह है जिस के बग़ैर हर नमाज़ अधूरी है। ये सूरह हर नमाज़ के हर रक’अत में पढ़ी जाती है। सूरह फातिहा का तजुर्मा भी इस पोस्ट दी हुई है।
यहाँ देखिए:
Surah Fatiha Kab Aur Kaha Naazil Huyi? | सूरह फ़ातिहा कब और कहाँ नाज़िल हुई?
सूरह फ़ातिहा हज़रत मुहम्मद ﷺ के नुबोवत के शुरूआति दौर में नाज़िल हुई थी। ये सूरह मक्का में नाज़िल हुई इसलिए इसे मक्की सूरह कहते है। सूरह फातिहा में 7 आयात और 140 हरुफ शामिल है।
Quran Shareef Ki Sabse Pehli Surah Kaunsi Hai? | क़ुरआन शरीफ की सबसे पहली सूरह कौनसी है?
क़ुरआन शरीफ की सब से पहली सूरह “सूरह फ़ातिहा” है।
Surah Fatiha Hindi Mein | सूरह फातिहा हिंदी में तर्जुमा के साथ
अ’ऊज़ु बिल्लाहि मिनश शैतानिररजीम बिस्मिल्ला हिररहमानिररहीम
शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान नुहायत रहम वाला है
1. अल्हम्दुलिल्ला-हि रब्बिल ‘आलमीन
2. अर रहमा निर रहीम
3. मालिकि यौमिद-दीन
4. इय्या क न’अ-बुदु व इय्या क नस्त’ईन
5. इहदिनस सिरातल मुस्तक़ीम
6. सिरातल लज़ीना अन ‘अम ता’अलय हिम
7. ग़ैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन (आमीन)
Surah Fatiha Tarjuma In Hindi | सूरह फातिहा का तजुर्मा हिंदी में
सूरह फ़ातिहा का मतलब (meaning) जो की तर्जुमा होता है चलिए पढ़ते है|
शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है।
1. सब तारीफ उस अल्लाह के लिए है जो सारे जहान का मालिक है।
2. बहुत मेहरबान निहायत रहम वाला है।
3. इंसाफ के दिन का मालिक है।
4. हम तेरी ही इबादत करते हैं और तुझी से मदद चाहते हैं।
5. हमें सीधा रास्ता दिखा।
6. उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने फ़ज़ल किया।
7. उनका रास्ता नहीं जिन पर तेरा गजब नाज़िल हुआ और न उन लोगों का रास्ता जो रस्ते से भटक गए। (अमीन)
Surah Fatiha Ki Haqikat | सूरह फातिहा की हक़ीकत
सूरह फातिहा एक दुआ है। जिसे अल्लाह त’आला ने हम मुसलमानों को सिखाया है।
ताकी जो भी लोग क़ुरआन पाक की तिलावत शुरू करे तो वो इस दुआ को पढ़ कर अल्लाह त’आला की खुशनूदि और हिदायत हासिल करे। सूरह फातिहा का तजुर्मा हिंदी में उपर दी हुई है।
क्योंकि कोई इबादत बग़ैर अल्लाह अज़्ज़वाजल की हिदायत के हम कर ही नही सकते। अगर अल्लाह न चाहे तो एक पत्ता भी नही हिल सकता।
तो क्या आप ये सोचते है, की क़ुरआन ए करीम की तिलावत या नमाज़ की पाबंदी आप अपनी मर्ज़ी से कर रहे है?
जी नही अल्लाह बग़ैर अल्लाह त’आला के की मर्ज़ी और हिदायत के हम और आप कुछ नही कर सकते।
इसलिए रोज़ाना सूरह फातिहा की तिलावत कर के अल्लाह सुभान व त’अला से हिदायत मांगनी चाहिए।
आप चाहें तो तस्बीह की शकल में भी इस सूरह की तिलावत कर सकते है।
इसलिए इस सूरह को क़ुरआन पाक के सब से पहले सूरह में रखा गया। ताकि जो भी हक़ को क़ुबूल करे और इबादत करना चाहे तो सबसे पहले अल्लाह त’आला की हिदायत तलब करे।
बेशक इससे नेकियों में इज़ाफ़ा तो होगा ही साथ ही। अल्लाह पाक और उसके रसूल ﷺ की खुशनूदि भी हासिल होगी। अमीन
इस सूरह आप छोटी सूरह समझने की भूल बिल्कुल न करे। इस 7 आयतों की सूरह में अल्लाह पाक ने पूरे इस्लाम और क़ुरआन पाक की हक़ीकत खोल के रख दी है।
सूरह फातिहा में इस्लाम का पैग़ाम:
इस में तौहीद यानी “अल्लाह एक है” इसका दवा किया गया है। हर हाल में अपने रब का शुकर अदा करना। हर चीज़ में अल्लाह पाक की ही मदद तलब करना। हिदायत मांगना और गलत लोगो की राह से अल्लाह पाक हमें बचाये, इसकी दुआ करना।
इस सूरह अज़मत को समेटें। खुद भी इसकी तिलावत करे और अपने प्यारों को भी इस सूरह की बरकत का बताएं।
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