सूरह अल-लैल हिंदी तर्जुमा के साथ (Surah Al Lail in Hindi with Meaning ) हम पढ़ेंगे| ये क़ुरआन-ए-करीम की 92vi सूरह है| जो 30 वे सिपारे में है| इस सूरह में ये भी बतलाया गया है के नेक आमाल के सबब जन्नत और गुनाहों के सबब किस तरह दोज़ख़ नसीब होगी| और बाक़ी हम तर्जुमा पढ़कर जानते है|
Surah Al Lail in Hindi Translation | सूरह अल लैल हिंदी में
सूरह अल लैल मक्कि सूरह है।
सूरह अल लैल (Surah Al Lail) में 21 आयतें है और 1 रुकूअ है।
इस सूरह में 87 कलिमे और 313 हर्फ़ है।
सूरह अल लैल (Surah Al Lail) क़ुरआन शरीफ के 30वे पारे में है।
यहाँ→Sabr Ki Dua in Hindi देखिए|
Surah Al Lail In Arabic | सूरह अल-लैल अरबी में
بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ
وَ الَّیْلِ اِذَا یَغْشٰىۙ(۱) وَ النَّهَارِ اِذَا تَجَلّٰىۙ(۲) وَ مَا خَلَقَ الذَّكَرَ وَ الْاُنْثٰۤىۙ(۳) اِنَّ سَعْیَكُمْ لَشَتّٰىؕ(۴) فَاَمَّا مَنْ اَعْطٰى وَ اتَّقٰىۙ(۵) وَ صَدَّقَ بِالْحُسْنٰىۙ(۶) فَسَنُیَسِّرُهٗ لِلْیُسْرٰىؕ(۷) وَ اَمَّا مَنْۢ بَخِلَ وَ اسْتَغْنٰىۙ(۸) وَ كَذَّبَ بِالْحُسْنٰىۙ(۹) فَسَنُیَسِّرُهٗ لِلْعُسْرٰىؕ(۱۰) وَ مَا یُغْنِیْ عَنْهُ مَالُهٗۤ اِذَا تَرَدّٰىؕ(۱۱) اِنَّ عَلَیْنَا لَلْهُدٰى٘ۖ(۱۲) وَ اِنَّ لَنَا لَلْاٰخِرَةَ وَ الْاُوْلٰى(۱۳) فَاَنْذَرْتُكُمْ نَارًا تَلَظّٰىۚ(۱۴) لَا یَصْلٰىهَاۤ اِلَّا الْاَشْقَىۙ(۱۵) الَّذِیْ كَذَّبَ وَ تَوَلّٰىؕ(۱۶) وَ سَیُجَنَّبُهَا الْاَتْقَىۙ(۱۷) الَّذِیْ یُؤْتِیْ مَالَهٗ یَتَزَكّٰىۚ(۱۸) وَ مَا لِاَحَدٍ عِنْدَهٗ مِنْ نِّعْمَةٍ تُجْزٰۤىۙ(۱۹) اِلَّا ابْتِغَآءَ وَجْهِ رَبِّهِ الْاَعْلٰىۚ(۲۰) وَ لَسَوْفَ یَرْضٰى۠(۲۱)
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Surah Al Lail In Hindi | सूरह अल लैल हिंदी में
‘अ ‘ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
- वल लैलि इज़ा यग़शा
- वन नहारि इज़ा तजल्ला
- वमा ख़-ल-क़ज़- ज़-क-र वल उनसा
- इन्ना स’अ-यकुम लशत ता
- फ़ अम्मा मन अ’अता वत तक़ा
- वसद दक़ा बिल हुस्ना
- फ़ स नुयस सिरुहू लिल युसरा
- व अम्मा मम बखिला वस तग़-ना
- व कज़-ज़बा बिल हुस्ना
- फ़ सनुयस सिरुहू लिल ‘उसरा
- वमा युग्नी अन्हु मालुहू इज़ा तरददा
- इन्ना अलैना लल हुदा
- व इन्ना लना लल आखिरता वल ऊला
- फ़ अनज़र तुकुम नारन तलज्ज़ा
- ला यस्लाहा इल्लल अश-क़ा
- अल लज़ी कज़-ज़बा व तवल्ला
- व सयु-जन-न-बुहल अतक़ा
- अल्लज़ी युअती मा लहू य-त-ज़क्का
- वमा लि अ-हदिन इन्दहू मिन निअ’मतिन तुज-ज़ा
- इल्लब तिगाअ वज-हि रब्बिहिल अअ’ला
- व लसौफ़ा यरज़ा
यहाँ→Islam Ke 72 Firke Ke Naam देखिए|
Surah Al Lail Ka Tarjuma Hindi Mein | सूरह अल-लैल का तर्जुमा हिंदी में
मैं अल्लाह त’आला की पनाह में आता हूँ शैतान ने मरदूद से
अल्लाह के नाम से शुरू जो निहायत मेहरबान व रहम वाला है।
- और रात की कसम जब छाए’
- . और दिन की जब चमके’
- और उस
- की जिस ने नर व मादा।
- बनाए बेशक तुम्हारी कोशिश मुख़्तलिफ़ है।
- तो वोह जिस ने दिया।
- और परहेज़ गारी की।
- और सब से अच्छी को सच माना।
- तो बहुत जल्द हम उसे आसानी मुहय्या कर देंगे।
- और वोह जिस ने बुख़्ल किया।
- और बे परवाह बना।
- और सब से अच्छी को झुटलाया।
- तो बहुत जल्द हम उसे दुश्वारी मुहय्या कर देंगे।
- और उस का माल उसे काम न आएगा जब हलाकत में पड़ेगा।
- बेशक हिदायत फ़रमाना।
- हमारे ज़िम्मे है और बेशक आखिरत और दुन्या दोनों के हमीं मालिक तो मैं तुम्हें डराता हूं उस आग से जो भड़क रही है न जाएगा उस में।
- मगर बड़ा बद बख़्त जिस ने झुटलाया।
- और मुंह फेरा।
- और बहुत जल्द उस से दूर रखा जाएगा जो सब से बड़ा परहेज़ गार जो अपना माल देता है कि सुथरा हो।
- और किसी का उस पर कुछ एहसान नहीं जिस का बदला दिया जाए।
- सिर्फ अपने रब की रिजा चाहता जो सब से बुलन्द और बेशक करीब है कि वोह राजी होगा।
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