Durood Sharif in Hindi | दुरूद शरीफ हिंदी में
Quran aur Hadees ke hawale (durood sharif in hindi) durood sharif ki fazilat aur na padhne ke nuksan hindi mein padhenge. Durood sharif ek aisa amal hai jo ALLAH Ta’ala ki bargah mein radd hota hi nahi hai. Ye ek aisa wazifa hai jo khud Rab Kareem aur uske tamam farishte karte hai. यहाँ→Mayyat Ko Ghusl Dene Ka Tarika देखिए|
दुरूद शरीफ एक ऐसा अमल है जो अल्लाह त’आला की बारगाह में रदद होता ही नही है। ये एक ऐसा वज़ीफा है जो रब करीम के फ़रिश्ते हर वक़्त करते है। इस पोस्ट में क़ुरआन और हदीस के हवाले से दुरूद शरीफ (Durood Sharif In Hindi) की फ़ज़ीलत और ना पढ़ने के नुकसान हिंदी में पढ़ेंगे।
Durood Sharif Ke Bare Me | दुरूद शरीफ के बारे में
जब एक मोमिन हज अदा करता है, नमाज़ पढ़ता है, कोई भी नेक काम करता है। तो उसे ये मालूम नही होता के उसका किया हुआ ये अमल अल्लाह सुभानाहु त’आला की बारगाह में क़ुबूल हुआ या नही।
लेकिन जब बंदा दुरूद शरीफ सच्चे दिल से पढ़ता है। फिर चाहे उसने हलका सा लब हिला कर ही पढ़ हो। उसके बस लब हिलाने पर भी अल्लाह त’आला उसे दुरूद पढ़ने का सवाब आता फरमायेगा। यहाँ→Murgi Zibah Karne Ki Dua देखिए|
और बग़ैर दुरूद शरीफ पढ़े कोई अमल, वज़ीफा, दुआ क़ुबूल नही होती। इसकी हदीस आपको नीचे हवाले के साथ मिल जायेगी।
दिरूदे पाक पढ़ने के फायदे तो बहुत है। लेकिन इसका ना पढ़ना आपको नुकसान में रखता है। इसलिए जब आप नबी करीम ﷺ का नाम सुने तब ही जितना हो सके उनपर ﷺ दुरूद ए पाक के नज़राने भेज दिया करें। ज़्यादा दफा ना हो सके तो कम से कम एक जी दफा पढ़ लिया करें।
अल्लाह त’आला और उसके रसूल ﷺ के नज़दीक बहुत दुरूद शरीफ बहुत ही खास-अम-खास अमल है। रब करीम खुद ही क़ुरआन मजीद में दुरूद शरीफ का ज़िक्र फरमाता है।
Quran Pak Me Durood Shareef Ka Hukm | क़ुरआन पाक में दुरूद शरीफ का हुक्म
दुरूद शरीफ एक ऐसा अमल है जो अल्लाह त’आला के फरिश्ते करते है। नबी करीम ﷺ और उनके आल पर दुरूद-ओ-सलाम भेजना बाइस-ए-सवाब है।
दुरूद-ए-पाक का पढ़ना आपके गुनाह मिटायेगा, आपके दर्जात बुलंद करेगा। और बेशक़ हशर के रोज़ आपके जन्नत-उ-फिरदौस में आला दर्जा हासिल करवाएगा। इंशा अल्लाह| यहाँ→Dua e Masura in Hindi देखिए|
Quran Majeed | क़ुरआन मजीद
क़ुरआन पाक में अल्लाह सुभानहु व त’आला इरशाद फरमाता है:
“अल्लाह त’आला और उसके फरिश्ते नबी ﷺ पर रहमत भेजते हैं, ऐ इमान वालों, तुम भी इन पर दुरूद भेजो और खूब सलाम भेजते रहा करो।”
सूरह अल-अहज़ाब न. 56
Durood Sharif Padhne Ki Fazilat Kya-Kya Hai? | दुरूद शरीफ पढ़ने की फ़ज़ीलत (फायदे) क्या-क्या है?
1. Farishton ki Dua-e-Rahmat | फरिश्तों की दुआ-ए-रहमत
दुरूद शरीफ का विर्द करने वालों पर अल्लाह त’आला से फरिश्ते दुआए रहमत करते है। यानी दुरूद पाक पढ़ने वालों के लिए फरिश्ते खैर-ओ-बरकत, भलाई, अच्छाई की दुआ करते रहते है।
हदीस
असीम बिन उबैदुल्लाह र.अ. बयाँ फरमाते है के उन्होंने अब्दुल्लाह इब्न आमिर र.अ. से सुना के उन्होंने उसके वालिद से सुना के,
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“जो मुझ पर दुरूद भेजता है तो जब तक वो मुझे पे दुरूद भेजता रहता है फरिश्ते उसके लिए दुआए रहमत करते है, अब बंदे की मर्ज़ी है कम पढ़े या ज़्यादा।”
सुनन इब्न माजह, वोल न. 1, किताब न. 5, हदीस न. 907
2. ALLAH Ta’ala 10 Rahmatein Bhejta Hai | अल्लाह त’आला 10 रहमतें भेजता है
अल्लाह त’आला के तरफ से 10 रहमतें पाना चाहते है। तो दुरूद-ए-इब्राहीम के विर्द को अपनी आदत बना लीजिये। रोज़ाना कसरत के साथ दुरूद पाक हुज़ूर-ए-अकरम ﷺ को पेश करें। और अपनी जिंदगी में इसकी बरकतों का नाज़ूल देखें। यहाँ→Miswak Ke 70 Fayde देखिए|
हदीस
हज़रत अबू हुरैराह र.अ. से रिवायत है के, रसूल अल्लाह ﷺ ने इरशाद फरमाया: “जिसने मुझ पर एक बार दुरूद भेजा अल्लाह उसपर 10 रहमतें भेजता है।”
सहीह मुस्लिम, न. 408
3. 10 Nekiyon Ka Amal| 10 नेकियों का अमल
इंसान हर क़दम पर अपने खाते में गुनाह लिखवाता है। लेकिन दुरूद शरीफ का विर्द एक ऐसा अमल है। जिसके एक बार पढ़ने से अल्लाह त’आला आपके नामा-ए-आमाल में 10 नेकिया लिखता है। सुभान अल्लाह
हदीस
हज़रत अबू हरैरह र.अ. से रिवायत है के रसूल अल्लाह ﷺ ने इरशाद फरमाया:
“जिसने पर एक बार दुरूद-ए-पाक पढ़ा अल्लाह उसपर 10 रहमतें भेजता है, उसके नाम-ए-आमाल में 10 नेकिया लिखता है।”
जमी तिर्मिज़ी न. 485
4. Nabi Kareem ﷺ Ki Qurbat Naseeb Hogi | नबी करीम ﷺ की क़ुरबत नसीब होगी
जो शख्स रोज़ाना दुरूद शरीफ जेतनी ज़्यादा त’अदद में पढ़ेगा रोज़-ए-क़यामत वो शख्स नबी करीम ﷺ के उतना ही करीब होगा। अब बंदे की मर्ज़ी वो केतनी त’अदद में पढ़ता है। यहाँ→ALLAH Ke 99 Naam देखिए|
हदीस
हज़रत अब्दुल्लाह इब्न मसूद र.अ. से रिवायत है के, रसूल-ए-करीम ﷺ ने इरशाद फरमाया:
“बा-रोज़े क़यामत लोगों में से मेरे करीब तर वो होगा जो मुझपे सबसे ज़्यादा दुरूद पढ़े होंगे।”
जमी तिर्मिज़ी न. 484
सही इब्न हिब्बन न. 911
इमाम बुखारी न. 559
5. Gunah Mitenge, Darjaat Buland Honge Aur Rahmatein Nazil Hongi | गुनाह मिटेंगी, दर्जात बुलंद होंगे और रहमतें नाज़िल होंगी
अल्लाह त’आला एक दफा दुरूद शरीफ पढ़ने वालों के 10 गुनाह मिटाता है, 10 दर्जात बढ़ाता है और 10 रहमतें नाज़िल फरमाता है। सुभान अल्लाह
दुरूद का वज़ीफा रोज़ाना कीजिये। ये बहुत ही आसान और अल्लाह त’आला के नज़दीक बहुत ही खास अमल है। यहाँ→Islam Ke 72 Firke Ke Naam देखिए|
हदीस
हज़रत अनस बिन मालिक र.अ. से रिवायत है के नबी-ए-अकरम ﷺ ने इरशाद फरमाया:
“जिस ने मुझ पर एक बार दुरूद-ए-पाक पढ़ा अल्लाह त’आला उसपर 10 रहमतें नाज़िल फरमाता, 10 गुनाह मिटाता है और 10 दरजात बुलंद फरमाता है।”
सुनन निसाइ, वोल न. 3, किताब न. 13, बाब न. 55
6. Farishte Apke Liye Astaghfaar Karenge | फरिश्ते आपके लिए असतगफार करेंगे
दुरूद शरीफ को बा-अदब से लिख कर रखने वालो के लिए बहुत खास इनाम है। फरिश्ते उसके लिए असतगफार करते है जो दुरूद शरीफ के किताब लिखते है।
हदीस
नबी करीम ﷺ ने फरमाया:
“जिसने किताब पर मुझपे दुरूद-ए-पाक लिखा तो जब तक मेरा नाम उसपर होगा फरिश्ते उसके लिए इस्तगफार करते रहेंगे।”
इमाम तब्रानी अल मुअजामुल औसात न. 1830
7. Qayamat Ke Liye Noor Ko Taiyar Karein | क़यामत के लिए नूर को तैयार करें
जब भी 4 या 5 लोग बैठे तो अपनी मजलिस में दुरूद शरीफ ज़रूर पढ़ें। क्योंकि यही चीज़ रोज़-ए-क़यामत आपके लिए नूर बनेगा। यहाँ→Wazu Karne Ka Tarika in Hindi देखिए|
हदीस
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“मुझ पर दुरूद शरीफ पढ़ कर अपनी मजलिस अरासता करो के तुम्हारा दुरूद-ए-पाक पढ़ना बा-रोज़े क़यामत तुम्हारे लिए नूर होगा।”
फिरदौस अकबर न. 3149
हदीस
उम्मूल मूमिनीन आईशा र.अ. फरमाती है, “अपनी मजलिस को नबी-ए-करीम पर दुरूद-ए-पढ़के अरासता करो।”
खातिब बगदादी ने तारीख-ए-बगदाद न. 216
8. Nabi Kareem ﷺ Ko Tohfa | नबी करीम ﷺ को तोहफा
हदीस
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“शबे जुमा और रोज़-ए-जुमा मुझ पर कसरत से दुरूद पाक पढ़ो क्योंकि तुम्हारा दुरूद मुझे पेश किया जाता है।”
इमाम तब्रानी अल औसात, वॉल: न. 1, न. 231
हदीस
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“बेशक तुम्हारे दिनों में अफ़ज़ल तरीन दिन जुमा का दिन है।
इसी दिन हज़रत आदम अ.स. पैदा हुए
इसी दिन उन्होंने वफ़ात पाई
पास इसी दिन मुझ पर कसरत से दुरूद भेजा करो क्योंकि तुम्हारा दुरूद मुझ पर पेश किया जाता है।”
सुनन अबू दावूद, न. 1047
इमाम बायहक़्क़ी, न. 5993
इमाम माजह, सुनन इब्न माजह, न. 1085
सुनन नसाई, न. 1374
इमाम तब्रानी, न. 589
मुसनद अहमद, न. 16162
हदीस
जुमा के दिन मुझ पर निहायत कसरत से दुरूद भेजा करो, ये यौम-ए-मस’हूद (यानी मेरी बरग़ाह में फरिश्तों की खुसूसी हाज़री का दिन) है।
इसी दिन फरिश्ते (खुसूसी तौर पर कसरत से मेरी बरग़ाह में) हाज़री होते है, जब कोई शख्स मुझ पर दुरूद भेजता है तो उस के फारिग होने तक उसका दुरूद मेरे सामने पेश कर दिया जाता है।”
यहाँ→Assalamu Alaikum Meaning In Hindi देखिए|
हज़रत अबू दारदा र.अ. बयाँ करते है की मैंने अर्ज़ किया:
“या रसूल अल्लाह ﷺ और आपके विसाल के बाद (क्या होगा)?
आप ﷺ ने फरमाया:
“हाँ वफ़ात के बाद भी (मेरे सामने इसी तरह पश किया जायेगा क्योंकि) अल्लाह त’आला ने ज़मीन के लिए अंबिया-ए-एकराम अ.स. के जिसमों का खाना हराम कर दिया है। फिर अल्लाह त’आला का नबी ज़िंदा होता है और उसे रिज़्क़ भी आता किया जाता है।”
सुनन इब्न माजह न. 1637
हदीस
हज़रत अबू हुरैराह र.अ. से मरवी है के,
रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“जो शख्स भी मुझ पर सलाम भेजता है तो बेशक अल्लाह त’आला ने मुझ पर मेरी रूह लौटा देते है (और मेरी तवज्जुह उस की तरफ तरफ मबज़ूल फरमाता है) यहाँ तक की उसके सलाम का जवाब देता हूँ।”
सुनन अबू दावूद, न. 2041
अहमद बिन हमबल अल-मुस्नाद, 10767
इमाम तब्रानी , न 3092, न. 9329
बैहक़क़ी अस सुनन उल कुबरा, न. 10050
हदीस
हज़रत नबीह बिन वहाब र.अ. से मरवी है के हज़रत काब आभार र.अ. उम्मुल् मोमिनीन हज़रत आईशा सिददीक़ी र.अ. की खिदमत में हाज़िर हुए और उन्होंने हुज़ूर-ए-अकरम ﷺ का ज़िक्र किया,
हज़रत काब अहबर र.अ. ने कहा:
“जब भी दिन निकलता है सत्तर हज़ार (70,000) फरिश्ते उतरते है, और वो हुज़ूर ए अकरम ﷺ की कब्र-ए-अकदस को घेर लेते है और कब्र-ए-अकदस पे अपना पर मारते है (यानी परो से झाड़ू देते है) और हुज़ूर ﷺ के रौज़े-ए-अकदस में शाम होते ही वापस आसमान पर चले जाते है, आज इतने ही मज़ीद उतरते है वो भी वो अमल दोहराते है जो पहले के फरिश्तों ने किया हत्ता के जब क़ब्र-ए-मुबारक शाक होगी तो रसूल अल्लाह ﷺ सत्तर हज़ार (70, 000) फरिशों के झुर्मुत में (मैदान-ए-हशर में) तशरीफ लायेंगे।”
इमाम दर्मी ने सुनन दर्मी, हदीस न. 94
इमाम बहयकी ने शुआबूल न. 537
यहाँ→Aqeeqah Karne Ki Dua Aur Tariqa देखिए|
9. Bina Durood-e-Pak Ki Hui Dua | बिना दुरूद-ए-पाक के की हुई दुआ
दुआ करने के पहले अव्वल और आखिर दुरूद शरीफ ज़रूर पढ़ें। क्योंकि बग़ैर दुरूद शरीफ के जो भी दुआ की जाती है। वो ज़मीन और आसमान के बीच ही लटकी रह जाती है। अल्लाह त’आला की बरगाह में नही पहुँच पाती। अलबत्ता अल्लाह त’आला हर चीज़ जानने वाला है।
लेकिन अच्छी तरह दुआ की अदायेगी तभी पूरी होगी जब बंदा अपनी दुआ से पहले अल्लाह त’आला की तारीफ करे और नबी मोहम्मद ﷺ पर दुरूद भेजे।
हदीस
हज़रत फदालह बिन उबैद र.अ. से मरवी है, एल मरतबा नबी-ए-अकरम ﷺ हमारे दरमियाँ तशरीफ फरमा थे की, अचानक एक शख्स आया और उसने नमाज़ अदा की ये दुआ मांगी:
“ऐ अल्लाह, मुझे बख्श दे और मुझपर रहम फरमा।”
तो नबी करीम ﷺ ने फरमाया:
ऐ नमाज़ी, तूने जल्दी की, जब नमाज़ पढ़ चुके तो फिर सुकून से बैठ जाओ, फिर अल्लाह त’आला की शयान-ए-शान उस की हम्द-ओ-सना करो, और फिर मुझपर दुरूद-ओ-सलाम भेजो और फिर दुआ माँगो।”
रावि बयाँ करते है की फिर एक और शख्स ने नमाज़ अदा की, तो उसने अल्लाह त’आला की हम्द-ओ-सना की,
फिर नबी करीम ﷺ पर दुरूद-ओ-सलाम भेजा तो हुज़ूर नबी-ए-करीम ﷺ ने फरमाया:
“ऐ नमाज़ी अपने रब से माँगो तुम्हें आता किया जायेगा।”
सुनन नसाई, किताब न. 13, न. 1284
जमी अत तिर्मिज़ी, किताब न. 48,न. 3476
यहाँ→Kitab Padhne Ki Dua देखिए|
हदीस
अमीरुल मोमिनीन फारूक़-ए-आज़म र.अ. फरमाते है:
“दुआ आसमान और ज़मीन के दर्मिया मुअल्लक (रुकी) रहती है जब तक तु अपने नबी पर दुरूद ना भेजे।”
सुनन तिर्मिज़ी, किताब न. 3, किताबुल वित्र, बाब न. 21, मा जा’आ फी सलातुन अलन नबी ﷺ, पेज न. 29, हदीस न. 486
10. Durood-e-Pak Aur Dua Parde Mein Pahunchti Hai | दुरूद-ए-पाक और दुआ पर्दे में पहुंचती है
हदीस
मौला अली करमुल्लाहु वज्जुहाल करीम र.अ. फरमाते है:
“हर शख्स की दुआ परदे में होती है यहाँ तक की मुहम्मद ﷺ और आले मुहम्मद पर दुरूद-ए-पाक पढ़े।”
इमाम तब्रानी, ना. 271
Durood Sharif Na Padhne Ke Nuksanaat Kya-Kya Hai? | दुरूद शरीफ ना पढ़ने के नुक्सानात क्या-क्या है?
यहाँ→Dua Mangne Ka Tarika in Hindi देखिए|
1. Nabi Kareem ﷺ Ne Halaak Hone Ki Bad-Dua Di Hai | नबी करीम ﷺ ने हलाक होने की बद-दुआ दी है
हदीस
हज़रत अबू हुरैराह र.अ. से रिवायत है के रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“हलाक हो वो शख्स जिसके पास मेरा ज़िक्र हुआ और उसने मुझपर दुरूद ना पढ़ा,
हलाक हो वो शख्स जिसने माहे रमज़ान को पाया और अपनी मग़फिरत न करवाई,
हलाक हो वो शख्स इसने अपने वालीदेन या उनमें से किसी एक को पाया और उनकी खिदमत कर जन्नत ना ला लि।”
जमी अत तिर्मिज़ी, कितन 48, न. 3545
2. Mardood Kaun Hai? | मर्दूद कौन है
जब भी कोई जलसा या कोई ऐसा इंतेज़ाम हो जिसमें लोग आपस में मिले जुले। तो उस मजलिस में अल्लाह त’आला के ज़िक्र के साथ नबी करीम ﷺ पर दुरूद ज़रूर पढ़ें।
वरना आपकी गिनती भी मर्दूद यानी शैतान में होने लगेगी।
हदीस
“जो लोग अपनी मजलिस में अल्लाह त’आला का ज़िक्र करे और नबी ए पाक ﷺ पर बिना दुरूद पढ़े उठ गए तो वो मुर्दाद से उठे।”
इमाम बैहक़्क़ी, न. 1070
3. Jannat Ka Rasta Kaun Bhulenge | जन्नत का रासता कौन भूल जाएंगे
जब भी नबी करीम ﷺ का ज़िक्र सुने तो अपने हबीब ﷺ पर दुरूद ज़रूर पेश करें। दुरूद शरीफ का ये अमल आपको जन्नत का रास्ता भूलने नही देगा। इंशा अल्लाह
हदीस
अब्दुल्लाह इब्न अब्बास र.अ. से रिवायत है के, रसूल अल्लाह ﷺ ने इरशाद फरमाया:
“जो मुझपे दुरूद पढ़ना भूल गया उनसे जन्नत का रास्ता छोड़ दिया।”
सुनन इब्न माजह, न. 908
हादीस
“जिसके पास मेरा ज़िक्र हुआ और उसने मुझपे दुरूद ना पढ़ा उसने जन्नत का रास्ता छोड़ दिया।”
इमाम तब्रानी, न. 2887
4. Bakheel (Kanjoos) Kaun? | बख़ील (कंजूस) कौन है?
यहाँ→Surah Yaseen in Hindi Tarjuma देखिए|
हदीस
हज़रत अली इब्न अबू तालिब र.अ. से रिवायत है के रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:
“बखिल है वो शख्स जिसके सामने मेरा ज़िक्र हुआ और उसने मुझपे दुरूद ना पढ़ा।”
जमी अत तिर्मिज़ी, न. 3546
Jumma Ke Din Ka Khas Durood Shareef | जुम्मा के दिन का खास दुरूद शरीफ
“अलाहुम्मा सल्लि ‘अला मुहम्मदिनिन नबी-यिल उम्मी-यि व ‘आला अलिहि व सल्लिम तस्लीमा”
हदीस
अबु हुरैरह र.अ. रिवायत है के, रसूल अल्लाह ﷺ ने फरमाया:
जो शख्स अपनी असर की नमाज़ के बाद अपनी जगह से उठे बग़ैर ये दुरूद 80 मरतबा पढ़ेगा तो अल्लाह पाक उसके अस्सी (80) साल गुनाह बख्श देगा और अस्सी इबादत का सवाब आता फरमायेगा।
हवाला: तब्रानी दराकुत्नी
Durood-e-Ibraheemi Shareef | दुरूद-ए-इब्राहीमी शरीफ़
नीचे आपको बहुत सारी दुरूद शरीफ मिलेगी। जिनमें बहुत सी छोटी-छोटी दुरूद शरीफ होंगी। लेकिन दुरूदो में सबसे अफ़ज़ल दुरूद ए इब्राहीम है।
सभी दुरूद शरीफ में सब से अफ़ज़ल दुरूद, दुरूद-ए-इब्राहीम है। जो हर नमाज़ में सलाम फेरने से पहले पढ़ी जाती है। बग़ैर दुरूद-ए-इब्राहीम के हमारी नमाज़ अधूरी है। फिर चाहे वो 2 रक’अत निफ्ल या तहज्जुद या फिर फ़र्ज़ नमाज़ ही क्यों न हो।
इसलिए इस दुरूद शरीफ यानी दुरूद ए इब्राहीम को मुँह ज़बानी याद करना बहुत ज़रूरी है।
Arabic | अरबी में
“اللّهُـمَّ صَلِّ عَلـى مُحمَّـد، وَعَلـى آلِ مُحمَّد، كَمـا صَلَّيـتَ عَلـى إبْراهـيمَ وَعَلـى آلِ إبْراهـيم، إِنَّكَ حَمـيدٌ مَجـيد
اللّهُـمَّ بارِكْ عَلـى مُحمَّـد، وَعَلـى آلِ مُحمَّـد، كَمـا بارِكْتَ عَلـى إبْراهـيمَ وَعَلـى آلِ إبْراهيم، إِنَّكَ”
Durood-e-Ibraheemi Shareef Hindi Mein | दुरूद-ए-इब्राहीमी शरीफ़ हिंदी में
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिवं व अला आलि मुहम्मदिन कमा सललैता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद
अल्लाहुम्मा बारिक अला मुहम्मदिव व अला आलि मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम इन्नक हमीदुम मजीद”
Dusri Durood Shareef (Durood E Ibraheemi) | दूसरी दुरूदे शरीफ (दुरूद ए इब्राहीमी)
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यिदिना मुहम्मदिवॅं व अला आलि सय्येदिना मुहम्मदिन कमा सल्लेता अला सय्यिदिना इब्राहिमा व अ़ला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा इन्नका हमीदुम मजीद
अल्लाहुम्मा बारिक अला सय्येदिना मुहम्मदिवॅं व अला सय्यिदिना मुहम्मदिन कमा बारक-ता अला सय्यिदिना इब्राहिमा व अला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा इन्नका हमीदुम मजीद”
Tarjuma Hindi Mein | हिंदी तर्जुमा
यहाँ→Itikaf Ka Tarika Aurton Ke Liye देखिए|
ए! अल्लाह सलामती उतार हज़रत मुहम्मद ﷺ पर और हजरत मुहम्मद ﷺ की आल पर, जैसे सलामती की तूने हज़रत इब्राहिम अलैहिस-सलाम पर और हज़रत इब्राहिम अलैहिस-सलाम की आल पर। बेशक तू ही तारीफ के लायक बड़ी बुजुर्गी वाला है।
ए! अल्लाह बरकत उतार हज़रत मुहम्मद ﷺ पर और हज़रत मुहम्मद ﷺ की आल पर, जैसे बरकतें नाज़िल की तूने हज़रत इब्राहिम अलैहिस-सलाम पर और हज़रत इब्राहिम अलैहिस-सलाम की आल पर। बेशक तू ही तारीफ़ के लायक बड़ी बुजुर्गी वाला है।
Durood-E-Taaj Hindi Me | दुरूद-ए-ताज हिंदी में
अलाहुम्मा सल्लि अला सैय्यिदिना व मौलाना मुहम्मदिन साहिबित ताजी वल मि’राजी वल बुराक़ी वल अलम। दा फि’इल बला’इ वल वबा’ई वल क़हति वल मारादि वल अलम। इसमुहु मकतुबुन मरफु’उन मशफु’उन मनक़ुशुन फिल लव्हि वल क़लम। सैय्यिदिल अराबी वल अजम। जिसमुहु मुक़ददसुन मु’अत्त-रुन मुताह-हरुन मुनव्वरुन फिल बैति वल हरम।
शमसुद दुहा बदरित तुजा सदरील उला नूररिल हुदा ख़ाफ़िल वरा मिसबाहिज़ ज़ुलम। जमिलिश शियामि शाफि’इल उमन। साहिबिल जुदी वल करम।
वल लाहु आसिमुहू व जिब्रीलु खादीमुहु वल बुराक़ु मरकाबुहू वल मि’राजू सफारूहु व सिदरातुल मुंतहा मक़ामुहु व क़ाबा क़ौसैनि मतलुबुहु वल मतलुबु मक़सुदुहु वल मक़सुदु मौजुदुहु सैय्यिदिल मुरसलीना
ख़ा तमिन नबीय्यिना शाफि’इल मुज़ नबीना अनीसिल् ग़रीबीना रहमतिल लील आलमीना राहातिल आशिक़ीना मुरादिल मुशताक़ीना
शमसिल आरिफिना सिराजिस सालिक़ीना मिसबाहिल मुक़र रबिना मुहिब्बिल फुक़ाराआ’इ वल घुराबाअ’इ वल मसाकिना सैय्यिदिस सक़ालैनि नबीय्यिल हरामैनि इमामुल् क़ीबलातैनि वसिलातीना फिद दारैनी साहिबि क़बा क़ौसैनि
महबूबी रब्बिल् मशरीक़ैनि व रब्बिल मगरिबैनि जद्दिल हस्सानी वल हुस्सैनी मौलाना व मौलस सक़ालैनि अबिल क़ासिमी मुहम्मदीनिबनि अदबीलानी नूरुम मिन नूरील लाही या अय्युहल मुशताक़ुना बी नूरी जमालिहि सल्लू अलैही व आलिहि व अशाबिही वसल्लीमु तसलिमन।
Noorani Chehre Ke Liye Durood Sharif | नूरानी चेहरे के लिए दुरूद शरीफ
यहाँ→Cheenk Aane Ke Baad Ki Dua देखिए|
अल्लाहुम्मा सल्लि अलन नबीय्यि मुहम्मदिन हत्ता ला यब-का मिन सलातिका शेउँ व बारिक अलन नबीय्यि मुहम्मदिन हत्ता ला यब क़ा मिम बर कातिका शेउँ वर-हमिन नबीय्या हत्ता ला यब क़ा र्मिंर रह -मतिका शेउँ व सल्लिम अलन नबीयि मुहम्मदिन हत्ता ला यब क़ा मिन सलामिका शैउन
Durood-E-Azam | दुरूद-ए-आज़म
अल्लाहु रब्बू मुहम्मदिन स़ल्ला अ़लैहि वसल्लमा न्हनु इबादु मुहम्मदिन स़ल्ला अ़लैहि वसल्लमा
Sadqa Ke Barabar Darood Sharif | सदक़ा के बराबर दुरूद शरीफ
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन अब्दिका व रसूलिका् व सल्लि अलल मुअ -मिनीना वल मुअ-मिनाति वल मुस्लिमीना वल मुस्लिमाति
Sawab Ka Zariya Durood Sharif | सवाब का ज़रिया शरीफ
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदि निन-नबीय्यि व अज वाजिही उम महातिल मुअ मिनीना व जुर्रि यतिही व अह्लि बैतिही कमा सल्लेता अला इब्राहीमा इन्नका हमीदुम-मजीद
Azeem Durood E Paak In Hindi | अज़ीम दुरूद ए पाक इन हिंदी
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिम मिल-अस-समा-वाति व मिल-अल-आर्दि़ व मिल-अल अर्शिल अज़ीम
Didar-E-Musatafa Darood Sharif | दीदार-ए-मुस्तफा दारूद शरीफ
अल्लाहुम्मा सल्लि व सल्लिम व बारिक अला सय्यिदिना व मौलाना मुहम्मदि-निन नबीय्यिल उम्मिय्यि हबीबिल आलियि क़द्रिल अज़ीमिल जाहि व अला आलिही व सह्बिही व सल्लिम
Barkaton Wala Darood Shareef | बरकतों वाला दरूद शरीफ
सल्लल्लाहु अलन-नबीय्यिल उम्मिय्यि व आलिही सल्लल्लाहु अलेहि वसल्लमा सलातवें व सलामन अलैका या रसूलल्लाह
Darood Sharif Izzat Mein Izafa Ke Liye | दुरूद शरीफ इज़्ज़त में इजाफा के लिए
अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यिदिल अ़ा-लमीना हबीबिका मुहम्मदिवँ व आलिही सलातन अन्ता अहमुँव व बारिक व सल्लिम कज़ालिका
Darood Sharif Jaam-E-Kausar Ke Liye | दुरूद शरीफ जाम-ए-कौसर के लिए
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिंवँ व अला आलिही व असहाबिही व औलादिही व अज़वाजिही व जुर्रि यतिही व अहलि बैतिही व अस-हारिही व अन्सारिही व
Darood-E-Kamil | दुरूद-ए-कामिल
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन कमा
अमर-तना अन नुसल्लिया अलैहि व सल्लि अलैहि कमा यंम-बगी अय्युसल्ला अलैंहि
Durood-E-Noor | दुरूद-ए-नूर
अल्लाहुम्मा स़ल्लि अ़ला सय्यिदिना मुह़म्मदिन नूरील अनवारि व सिर्रिल असरारि व सय्यिदिल अबरारि
Durood-E-Afzal | दुरूद-ए-अफ़ज़ई शरीफ
यहाँ→Qaza Namaz Ki Niyat Karne Ka Tarika देखिए|
अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यिदिना मुहम्मदि निल-लज़ी मल-अता क़ल-बहू मिन जलालिका व अ़ैनेहि मिन जमालिका् फ-अस-बहा फरिहम मसरूरम मुअय्येदम-मन्सूरा
Darood e Paak Dua Ki Qubooliyat Ke Liye | दुरूद शरीफ दुआ की क़ुबूलियत के लिए
अल्लाहुम्मा रब्बा हाज़िहिद दअ -वतित ताम-मति वस्स़लातिल का-इ-मति सल्लि अला मुहम्मदिवें वर्दा अन्हु रिदल ला स-ख़-ता बअ -दहू
यहाँ→Kunde Ki Niyaz in Hindi देखिए|
Chhoti Durood Sharif In Hindi | छोटी दुरूद शरीफ इन हिंदी
1. मस्जिद में दाखिल होने से पहले और मस्जिद से निकलने से पहले, ये दुरूद शरीफ पढ़ना चाहिए:
“बिस्मिल्लाहि अल्लाहुम्मा सल्लि अ़ला मुहम्मदिन”
मस्जिद में जाने और वापस निकलने से पहले ये दुरूद शरीफ ज़रूर पढ़ लीजिये।
2. छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा सल्लि अ़ला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि व अ़ला आलिही वसल्लिम”
3. Chooti Durood Paak | छोटी दुरूद पाक
“अल्लाहुम्मा् स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिव व अ़ला आलि मुहम्मदिन”
सुनन निसाइ
4. Durood-E-Muqaddas | दुरूद-ए-मुक़ददस
“मुहम्मद-उर-रसूलअल्लाह, सलल्लाहु अलैहि वसल्लम”
5. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदि निन नबीय्यिल उम्मिय्यि अलैंहिस-सलामु”
6. Chhoti Durood Shareef |छोटी दुरूद शरीफ
“सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लमा मा हुवा अह-लुहू”
7. Chhoti Durood Shareef |छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन फी अव्वलि कलामिना”
8. Chhoti Durood Shareef |छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन फी औ-सति कलामिना”
9. Chhoti Durood Shareef |छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन फी आखिरि कलामिना”
10. Chhoti Durood Shareef |छोटी दुरूद शरीफ
“मौलाया सल्लि व सल्लिम दाइमन अ-ब-दन अला हबीबिका खैरिल-खल्क़ि कु़ल्लिहिमी
11. Chhoti Durood Shareef |छोटी दुरूद शरीफ
सल्ललाहु अला हबीबिही व मुहम्मदिवँ व आलिही व बारका वसल्लम
12. Chhoti Durood Shareef |छोटी दुरूद शरीफ
Durood-e-Jamali | दुरूदे जमाली
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला सय्यिदिना मुहम्मदिवँ व अला आलिही बी-क़दरी हुसनिही व जमालिही”
13. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
इस दुरूद को पढ़ने से ईमान की हिफाज़त होगी। इंशा अल्लाह
“अल्लाहुम्मा स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिवें व अ़ला आलि मुहम्मदिन सलातन दा-इ-मतम बि-दवा-मिका”
यहाँ→12 Rabi ul Awal Kya Hai देखिए|
यहाँ→Tera Teji Kyon Manate Hain? देखिए|
14. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
नबी करीम ﷺ के रोज़े की ज़ियारत हो सकती है। इंशा अल्लाह
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन सलातन तकूनु लका रिदन व लि-हक़्क़िही अदा-अ न”
15. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
“सल्लल्लाहु अला सय्यिदिना मुहम्मदिवें व आलिही व सल्लमा”
16. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
हर तरह के दर्द से निजात की दुआ है ये दुरूद
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिम बि-अ़-द-दि कुल्लि दा-इवें व दवा-इवैं व बारिक व सल्लिम”
17. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन”
18. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदि निन-नबीयिल उम्मिय्यि व आलिही व सल्लिम”
19. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिन अ़ब-दिका अ़ला आलि मुहम्मदिवें व बारिक व सल्लिम”
20. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिम बि-अ़-द-दि कुल्लि जिक-रिही अल्फ़ा अल्फ़ि मर-रतिन”
21. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
“सल्लल्लाहु अला मुहम्मदिवें व जज़ाहु अ़न्ना मा हुवा् अह्- लुहू”
22. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन क़मा तुहिब्बु व तर्दा़ लहू”
23. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
“व स़ल्लल्लाहु अ़लन नबीय्यि मुहम्मदिवँ व सल्लमा”
24. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिवँ व अला अबीना इब्राहीमा”
25. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन कमा हुवा अह लुहू व मुस-तहिक़-क़ुहू
26. Chhoti Durood Shareef |छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन अल-दला स-ल-वातिका”
27. Chhoti Durood Shareef | छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन अब्दिका व रसूलिकन-नबीय्यिल उम्मीय्यि”
28. Chhoti Durood Shareef |छोटी दुरूद शरीफ
“अल्लाहुम्मा स़ल्लि अ़ला मुहम्मदिंव व आलिही अल्फ़ा अल्फ़ा मर-रतिन”
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